तर्ज – देख तेरे संसार की।
राम की मुंदरी लाये जब हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
लंका जाय सिया सुधि लाये,
पवन पुत्र हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
कहे जानकी सुन हनुमंता,
मेरे दिल में समाई है शंका,
तन छोटा बल इतना निशंका,
किस विध पहुंचा तू गढ़ लंका,
राम दूत हो या कोई कपटी,
रावण के अगवान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
मन में राम का ध्यान लगाया,
सौ योजन में अंग बढ़ाया,
भुज उठा निज बल दिखलाया,
इस विध सिया का शंका मिटाया,
अजर अमर होओ बजरंगी,
सिया ने दिया वरदान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
राम दूत हो महा बलकारी,
राम भूल गए याद हमारी,
नैना नीर भरे सिया प्यारी,
दासी को नाथ ने कैसी बिसारी,
प्राण पति मेरे कब आएँगे,
रामचंद्र भगवान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
हनुमत बोले सुनो भवानी,
रामादल की सुनलो कहानी,
कपिदल संग लखन जति ग्यानी,
राम तड़पते विरह में रानी,
मन के धीरज धरो मेरी मैया,
धरो राम का ध्यान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
संकट मोचन शरण हूँ तेरी,
अर्ज सुनो प्रभु करो ना देरी,
मन की आशा पुरो मेरी,
मंगलवार की में दूंगा फेरी,
‘माधोसिंह’ तेरा सच्चे मन से,
करे हमेशा ध्यान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
राम की मुंदरी लाये जब हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
लंका जाय सिया सुधि लाये,
पवन पुत्र हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान।ॐ।
Singer – Rajkumar Swami
हनुमान जी के भजन और कीर्तन भक्तों के दिल में एक खास स्थान रखते हैं, जो उनके मांगलिक संबंध को महसूस कराते हैं। हनुमान जी को समर्पित इन भक्तिसंगीतों को अक्सर कीर्तन के रूप में गाया जाता है, जो समर्पण और भक्ति के वातावरण को बनाता है। ये मधुर संगीतमय संगठन, चाहे पारंपरिक या समकालीन शैलियों में गाए जाएं, सुनने वालों को दैवी आनंद की अवस्था में ले जाने की क्षमता रखते हैं। हनुमान जी के भजन लिखित रूप में उपस्थित होने से भक्तिसंगीत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने और बांटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हनुमान भजन के बोल सुंदरता से बताते हैं, हनुमान जी की गुणवत्ता, उनकी अदम्य भक्ति और उनकी अद्भुत शक्तियों को। ये भजन भक्तों को प्रेरित करते हैं कि वे भक्ति, विश्वास और सेवा के गुणों को विकसित करें।